Protsahan Team

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07 Oct: उच्च शिक्षा और कौशल विकास के जरिए संभावनाओं की उड़ान: प्रवासी लड़कियों का ट्रॉमा-संवेदनशील सशक्तिकरण

हम अक्सर बात करते हैं कि शिक्षा और कौशल किसी एक लिंग तक सीमित नहीं हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि रोजगार के अवसर और उच्च शिक्षा पितृसत्तात्मक समाज में ज्यादातर लड़कों तक ही सीमित हैं। कई बार बारहवीं कक्षा के बाद कॉलेज में दाखिला केवल लड़कों को मिलता है, जबकि लड़कियों को घर की जिम्मेदारियों और शादी के बोझ तले दबा दिया जाता है।

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13 Sep: आघात-सूचित देखभाल से आघात-सूचित आजीविका तक: लड़कियों की शिक्षा में परिवार की भूमिका

डिजिटल युग ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। विशेष रूप से, डिजिटल साक्षरता ने शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में नई संभावनाएं और अवसर उत्पन्न किए हैं। आज के समय में, डिजिटल साक्षरता महिलाओं और लड़कियों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण साबित हो रही है, जो उन्हें हिंसा, बाल विवाह, और शिक्षा की कमी जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने में सक्षम बनाती है।

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27 Jun: प्रवासी किशोरियों के लिए डिजिटल सशक्तिकरण: Migrant Slums में टेक्नोलॉजी क्रांति

आज के दौर में इंटरनेट संचार और सूचना प्राप्ति का एक शक्तिशाली उपकरण बन गया है। मगर यह सभी नागरिकों के पास सामान्य तौर पर उपलब्ध नहीं है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) द्वारा 27 अप्रैल 2023 को जारी रिपोर्ट “ब्रिजिंग द जेंडर डिजिटल डिवाइड” में दर्शाया गया है कि भारत में 100 लड़कों के मुकाबले केवल 61 लड़कियों के पास ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है।

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10 Apr: नए शहर में प्रशिक्षण का अनुभव, अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में युवाओं के संग

हाल ही में हमें बैंगलोर में अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन से चयनित किया गया। इसमें हम – माला, सुधा, और अंजलि – युथ पीयर लीडर्स हिस्सा बने| इस प्रशिक्षण का हिस्सा बनने के लिए और नई चीज़ें सीखने के लिए हम बहुत उत्सुक थे, क्योंकि पहली बार हम अपने शहर से दूर बैंगलोर जा रहे थे।